
आजकल के जीवनशैली के कारण आज डायबिटीज होना आम बात हो गई है। यह बीमारी तेजी से फैल रही है और अब बड़े लोगों के अलावा युवा और बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ब्लड शुगर के बढ़ने और इंसुलिन की कमी के कारण इससे कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसे अनदेखा करने से शरीर के अन्य भागों पर भी असर हो सकता है। भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 77 मिलियन लोग 18 वर्ष से अधिक आयु के मधुमेह से पीड़ित हैं, इस ब्लॉग पोस्ट में हम मधुमेह के प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

शुगर होने के प्रमुख कारण
- प्यास अधिक लगना
शरीर में इंसुलिन का उत्पादन या काम कम होने के कारण, शरीर पानी को अवशोषित नहीं कर पाता, जिससे प्यास अधिक लगती है। - बार-बार पेशाब आना
शुगर के कारण, किडनी को शुगर को फिल्टर करने में कठिनाई होती है, जिसके कारण पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है। - थकान और कमजोरी
शरीर के सेल्स में पर्याप्त ग्लूकोज नहीं पहुँच पाता, जिससे ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है और व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है। - वजन का घटना
शुगर की अधिकता के कारण शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्राप्त नहीं होती, जिसके कारण शरीर अपनी वसा और मसल्स को उपयोग में लाता है, जिससे वजन में कमी आती है।

कुछ प्रमुख कारण
- घावों का धीमा ठीक होना
उच्च शुगर के कारण शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो जाती है, जिससे घावों या घावों का इलाज धीमा हो जाता है। - आँखों में धुंधलापन
उच्च रक्त शर्करा के कारण आंखों के लेंस में बदलाव हो सकता है, जिससे दृष्टि में धुंधलापन आ सकता है। - लगातार सिरदर्द
रक्त शर्करा के असंतुलन के कारण सिर में लगातार दर्द महसूस हो सकता है। - त्वचा पर संक्रमण और खुजली होना
शुगर के कारण त्वचा पर संक्रमण और खुजली की समस्याएं हो सकती हैं, खासकर अगर शुगर का स्तर नियंत्रण में न हो।
शुगर कंट्रोल करने के लिए सही आहार
- सही आहार लेना
संतुलित और स्वस्थ आहार लें, जिसमें साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल हों। शुगर और कैलोरी का सेवन कम करें। फलों और सब्जियों का सही मात्रा में सेवन करें। पैक्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि इनमें अधिक शक्कर और वसा होती है। तथा साबुत अनाज जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, रागी, ब्रोकन व्हीट, और क्विनोआ का सेवन करें।
1. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां जैसे करेला, तुरई, लौकी, भिंडी, टिंडे का सेवन करें।
2. मूंग दाल, मसूर दाल, छोले, राजमा, और सोयाबीन जैसे दालों का सेवन करें।
3. कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट जैसे दही और दूध का सेवन करें।
4. लो फैट मिल्क के साथ पनीर, कॉटेज चीज़ का सेवन करें।
5. मछली, टूना, सैल्मन फ़िश, स्वॉर्ड फ़िश, कॉड जैसे मांस का सेवन करें।
6. सेब, संतरा, अनार, पपीता, तरबूज़ जैसे फलों का सेवन करें।
7. जामुन जैसे विटामिन सी और फ़ाइबर से भरपूर फल खाएं।
अंडे, नट्स, लहसुन, बीन्स आदि का सेवन करें।

शुगर कंट्रोल करने के अचूक उपाय
- नियमित व्यायाम करना
हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें, जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैराकी। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। शारीरिक गतिविधियां शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती हैं, जिससे शुगर नियंत्रण में रहता है। - शुगर (डायबिटीज़) की निगरानी
अपने शुगर के स्तर की नियमित जांच करें। इसके लिए आप घर पर ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाओं का सेवन करें और शुगर को नियंत्रित रखें। - सही दवाइयां जरुरी (Medication)
डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों को समय पर लें। यदि जरूरत पड़े तो इंसुलिन का सेवन करें। - तनाव कम रखें (Stress Management)
अधिक तनाव शुगर (डायबिटीज़) के स्तर को बढ़ा सकता है, इसलिए योग, प्राणायाम, ध्यान, और विश्राम तकनीकों का पालन करें। - पर्याप्त नींद जरूरी (Adequate Sleep)
प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी से शरीर का शुगर (डायबिटीज़) नियंत्रण प्रभावित हो सकता है।

- नियमित चिकित्सा जांच (Regular Check-ups)
नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लें और शुगर की स्थिति की जांच करवाते रहें, ताकि किसी भी समस्या को जल्दी पकड़ा जा सके। - धूम्रपान और शराब से बचें (Avoid Smoking & Alcohol)
धूम्रपान और शराब का सेवन शुगर को बढ़ा सकता है और स्वास्थ्य को और नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इनके प्रयोग से बचें। - शुगर (डायबिटीज़) में सावधानियाँ बरतें
शुगर के रोगी को दवाइयों का सेवन समय पर और सही मात्रा में करना चाहिए।
भोजन में बदलाव लाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के लिए जीवनशैली में सुधार करें और आवश्यकतानुसार दवाओं का सेवन करें।
यदि आप या कोई परिचित शुगर के लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज करवाएं।