45 दिन में 65 करोड़ लोगो ने लगाई श्रद्धा की डुबकी और भी पढ़ें

तीर्थराज प्रयागराज में 13 जनवरी से चल रहे महाकुम्भ, एक दिव्य-भव्य और सांस्कृतिक उत्सव, ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर 65 करोड़ लोगों का आंकड़ा पारकर इतिहास रच दिया है। लाखों लोगों ने शिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर सुबह आठ बजे तक स्नान कर इस महारिकॉर्ड को बनाया। दुनिया के किसी भी कार्यक्रम में आज तक 45 दिनों के अंदर प्रयागराज में बनाए गए एक अस्थायी शहर में इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ नहीं जुटे हैं।

इन देशो से चार गुनी से अधिक आबादी कर गए स्नान

65 करोड़ लोगों को एक जगह एकत्र करने का ऐसा इतिहास नहीं है। सनातन के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, और विश्वास ने 45 दिनों में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संगम तट पर लाया। यदि इस संख्या को दुनिया भर के देशों की आबादी से तुलना की जाए तो बहुत से देश इसमें शामिल होंगे।अब तक, यहां अमेरिका की दोगुनी से अधिक, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से अधिक आबादी आई है।

भारत की आधी आबादी ने लगाई श्रध्दा की डुबकी

तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित इस महाकुम्भ में सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगो ने स्नान किया है। भारत की कुल जनसंख्या में से लगभग पचास प्रतिशत लोग त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। सनातन धर्मावलंबियों में से देश के 60 प्रतिशत से अधिक और विश्व भर के करीब 55 प्रतिशत ने पावन स्नान किया है। 45 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में दुनिया भर से श्रद्धालु जुटे हैं। भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक सहित 73 देशों के राजनयिक यहां अमृत स्नान करने पहुंचे।

सीएम योगी की उम्मीदों पर पहुंचा आंकड़ा

सूबे के प्रधानमंत्री सीएम योगी ने पहले ही कहा कि इस बार का भव्य और सुंदर महाकुम्भ स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बनाएगा। उन्हें शुरुआत में ही 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद थी। मुख्यमंत्री योगी के अनुमान से भी अधिक श्रद्धालु आए। 11 फरवरी को ही 45 करोड़ का आंकड़ा पार हुआ था, जबकि 22 फरवरी को 60 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। महाशिवरात्रि पर 65 करोड़ लोगों ने यह कीर्तिमान बना दिया।

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