कोर्ट का फैसला, अतुल सुभाष केस

बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश करने का आदेश दिया है। इंजीनियर की पत्नी निकिता सिंघानिया को न्यायालय में अब अपने चार साल के बेटे को पेश करना होगा। आपको बता दें ,पिछले दिसंबर में इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी।

क्या है पूरा मामला ? (अतुल सुभाष)

अतुल सुभाष पिछले साल 9 दिसंबर को बेंगलुरु में अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे। अतुल सुभाष ने 80 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट भी छोड़ा था। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर पैसा मांगने के आरोप लगाए थे । अतुल की मां अंजू देवी चाहती हैं कि उनका बेटा उनके साथ रहे। उन्होंने दावा किया कि इससे उन्हें अपने बेटे की स्मृति बनी रहेगी। अतुल सुभाष का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं हुआ है।

अतुल सुभाष सुनवाई में क्या हुआ?

अतुल सुभाष के इस मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। निकिता सिंघानिया के बच्चे को पेश करने का आदेश जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सैश चंद्र शर्मा की बेंच ने दिया। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका बंदी प्रत्यक्षीकरण है। बच्चे को देखना हमारी इच्छा है। बच्चे को पास रखें। निकिता के अधिवक्ता ने आश्वासन दिया कि बच्चे को एक घंटे के भीतर पेश किया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि बच्चा हरियाणा के एक शिक्षण संस्थान से निकाला गया था। वह इस समय अपनी मां के साथ रहता है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अभी जारी रहेगी।

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